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भारत की सबसे बड़ी जनजातीय ग्राम विकास योजना: 1 करोड़ से छात्रों को छात्रवृत्तियां

नई दिल्ली। पीएम जुगा का शुभारंभ 2 अक्टूबर 2024 को 63,000 गांवों के 5 करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया।17-संबंधित मंत्रालय आवास, स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कनेक्टिविटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद गंभीर कमियों को दूर करने हेतु समन्वय कर रहे हैं।जनजातीय कार्य मंत्रालय की उपलब्धियां: पिछले दशक में, वन अधिकार अधिनियम के तहत 23.88 लाख स्वामित्व वितरित किए गए, 1 करोड़ से अधिक अनुसूचित जनजाति समुदाय के विद्यार्थियों को छात्रवृत्तियां प्रदान की गईं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण के दौरान कहा था, “विकास सर्वांगीण, सर्वव्यापी और सर्व-समावेशी होना चाहिए।” “चाहे वह हमारा तटीय क्षेत्र हो या फिर जनजातीय क्षेत्र, ये क्षेत्र भविष्य में भारत के विकास का एक प्रमुख आधार बनने जा रहे हैं।”

एक महीने बाद, सितंबर 2024 में, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने देश में अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान (पीएम जुगा) को मंज़ूरी दे दी। धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के नाम से भी जाना जाने वाला, पीएम जुगा का उद्देश्य व्यापक विकास के विभिन्न पहलों के जरिए पांच करोड़ से अधिक जनजातीय लोगों—भारत की लगभग आधी जनजातीय आबादी—को लाभान्वित करना है। यह भारत के इतिहास का सबसे बड़ा जनजातीय विकास कार्यक्रम है।

जनजातीय ग्राम विकास मिशन

पीएम जुगा के संबंध में सत्रह संबंधित मंत्रालय सहयोग कर रहे हैं। ये मंत्रालय जनजातीय बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में सामाजिक बुनियादी ढांचेस्वास्थ्य सेवाशिक्षा और आजीविका के क्षेत्र में मौजूद गंभीर कमियों को दूर करने के उद्देश्य से विभिन्न प्रमुख योजनाओं को कार्यान्वित कर रहे हैं।

इस योजना में जनजातीय बहुल गांवों (जिनकी जनसंख्या 500 या उससे अधिक है, तथा जिनमें कम से कम 50% जनजातीय निवासी हैं) के साथ-साथ आकांक्षी जिलों के गांवों को भी शामिल किया गया है, जहां जनजातीय जनसंख्या 50 या उससे अधिक है।

इस योजना का बजट 79,156 करोड़ रुपये का है। इसमें केन्द्र सरकार 56,333 करोड़ रुपये और राज्य सरकारें 22,823 करोड़ रुपये का योगदान देंगी। इसका उद्देश्य 549 जिलों के दूरदराज व दुर्गम इलाकों में बसे 63,000 से ज़्यादा जनजातीय बहुल गांवों का विकास करना है। ये जिले देश के कुल जिलों के लगभग 71 प्रतिशत हिस्से को कवर करते हैं।