agartala akhauri landport

भारत-बांग्लादेश के संबंधों की नई कहानी गढ़ रहा अगरतला-अखौरा लैंडपोर्ट

अगरतला(त्रिपुरा)। बांग्लादेश में आंतरिक कारणों से राजनीतिक परिस्थितियां उत्पन्न हुईं। हिंसात्मक घटनाएं घटीं, भारत सहित दुनिया के कई देशों में इसकी आलोचनाएं भी हुईं, लेकिन त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से नजदीक भारत-बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा बिंदु अगरतला-अखौरा दोनों देशों और आम लोगों के बीच के आपसी संबंधों को मजबूती प्रदान करने की नई कहानी गढ़ रहा है। भले ही दोनों देश के बीच वीजा फिलहाल के लिए रोकी गई है। मगर पहले से वीजा प्राप्त आम लोगों के जीवन की रोजमर्रा की जरूरतों एवं बेटी-रोटी के संबंधों से लेकर व्यापारिक गतिविधियों के लिए यह सीमा एवं लैंडपोर्ट महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।  

11.72 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ भारत और बांग्लादेश के बीच अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ अगरतला-अखौरा सीमा बिंदु पर स्थित है। यह त्रिपुरा राज्य की राजधानी शहर के आसपास के क्षेत्र में स्थित एकमात्र लैंडपोर्ट है। नगर पालिका क्षेत्र के भीतर है। इस लैंडपोर्ट के माध्‍यम से ड्राई फिश और अर्जुन फ्लावर (ग्रास ब्रूम) निर्यात होता है और क्रश्ड स्‍टोन, कोयला, फ्लोट ग्लास, स्टोन चिप्स, फिश एडिबल ऑयल, घरेलू उपयोग के प्लास्टिक आइटम, टीएमटी बार्स और छोटे कृषि उपयोगी मशीनों का आयात किया जाता है।

अगरतला-अखौरा सीमा पर भ्रमण के दौरान लैण्‍डपोर्ट के प्रबंधक देबाशीश नंदी बताते हैं कि इस बिंदू में दक्षिण-पूर्व एशिया के साथ भारत के गलियारे का प्रवेश द्वार बनने की क्षमता है और यह भारत-बांग्लादेश संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस पोर्ट के भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण, सीमा शुल्क, आप्रवासन ब्यूरो, सीमा सुरक्षा बल, वनस्पति संगरोध, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, पशु संगरोध और प्रमाणन सेवाएं, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय, मानव संगरोध तथा स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय मुख्य साझेदारी है।

यह लैंडपोर्ट किसी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से कम नहीं है। लैंडपोर्ट में यात्री टर्मिनल, कार्गो बिल्डिंग, कोल्‍ड स्‍टोरेज, माल गोदाम, कैंटीन, निरीक्षण शेड, वनस्पति संगरोध, विद्युत उपकेन्द्र, लोहे को हटाने का संयंत्र, स्‍वास्‍थ्‍य, पार्किंग, शिथिल कार्गो, चालक विश्रामगृह, कर रहित दुकान, सोलर प्‍लांट, लॉरी वजन पुल, एटीएम, सुरक्षा जांच पिट, निगरानी टावर, विदेशी मुद्रा काउंटर, बीएसएफ के लिए आवास, सीसीटीवी, यात्रियों के लिए बैटरी वाहन, अग्निशमन यंत्र, सम्मेलन हॉल और जलपान गृह जैसी आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 42 बटालियन के कमांडेंट अजय कुमार ने बताया कि बीएसएफ भारत और बांग्लादेश के मध्य लगभग 4096.7 किलोमीटर लंबी सीमा की सुरक्षा का दायित्व निभाता है। अजय कुमार बताते हैं कि वर्तमान में लगभग 300 से 500 लोग भारत-बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा अगरतला-अखौरा चेकपोस्‍ट से अपने विभिन्न कार्यों के लिए आना-जाना करते हैं। सीमा पर बीएसएफ के जवान आने-जाने वाले यात्रियों की मुस्तैदी से जांच-पड़ताल करते हैं। सुरक्षा को लेकर पैनी नजर रखते हैं।