त्रिपुरा की राजधानी अगरतला एक बेगरलेस सिटी है, यह बात आज, त्रिपुरा के राज्यपाल श्री नल्लू इंद्रसेना रेड्डी ने छत्तीसगढ़ की 14 सदस्यीय मीडिया टीम से राजभवन, अगरतला में एक अनौपचारिक मुलाकात के दौरान कही । मीडिया से बातचीत करते हुए राज्यपाल ने बताया कि अगरतला की सड़कों पर कोई भी होमलेस या कोई भी भीख मांगते हुए नजर नहीं आएगा ।
राज्यपाल ने कहा कि अगरतला उत्तर पूर्वी राज्य में गौहाटी के बाद दूसरा सबसे बड़ा शहर है । इसे हम हेल्थ हब और एजुकेशन हब भी कह सकते हैं । उन्होंने बताया कि त्रिपुरा में दो मेडिकल कॉलेज, एक संस्कृत विश्वविद्यालय और केन्द्रीय विश्वविद्यालय संस्थापित है, जहां नार्थ ईस्ट के छात्र आकर पढ़ाई करते हैं ।
राज्यपाल महोदय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की आदिवासियों से त्रिपुरा के आदिवासी भिन्न हैं । यहां 19 प्रकार की जनजातियां निवास करती हैं । त्रिपुरा की खासियत यह है कि यहां पर किसी भी परिवार में कन्या के जन्म होने पर उत्सव का आयोजन किया जाता है ।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ की तरह यहां भी पहाड़ों में धान की खेती होती है, लेकिन इसमें विशेष बात यह है कि खेतों में पानी रोकने की आवश्यकता नहीं होती है ।
राज्यपाल महोदय ने कहा नार्थ ईस्ट अब पहले जैसा नहीं रहा । आवागमन के साधन बढ़ने से लोगों का आवागमन ज्यादा हो रहा वैसे ही लोगों की सोच में अब बदलाव आ रहा है। छत्तीसगढ़ की मीडिया टीम के त्रिपुरा आगमन पर खुशी जताते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजनों से न केवल एक-दूसरे राज्यों के लोगों से मिलना होता है बल्कि एक-दूसरे की कला, संस्कृति, खानपान और विरासत को जानने-समझने का मौका मिलता है ।
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