नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश पर जुता उछालने वाले वकील राकेश किशोर का आज एएनआई के माध्यम से बयान आया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि सीजेआई ने बीआर गवई के टिप्पणी से सनातन धर्म का मजाक उड़ाया। उनकी उस टिप्पणी से मैं आहूत हूं।
उन्होंने कहा कि अपने किए पर उन्हें कोई अफसोस या पछतावा नहीं है। जब भी सनातन धर्म से जुड़े मामले सुप्रीम कोर्ट में आते हैं। कोर्ट ऐसे ही आदेश देता है। ” उन्होंने कहा कि मैं आहत था। कोई नशे में नहीं था। उनकी कार्यवाही पर मेरी प्रतिक्रिया थी। न तो मैं डरा हूं और न ही मुझे किए पर कोई अफसोस है।
16 सितंबर को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई थी। मुख्य न्यायाधीश ने इसका मजाक उड़ाते हुए कहा कि जाओ और मूर्ति से प्रार्थना करो और उससे ही अपना सिर वापस लगाने के लिए कहो। जब हमारे सनातन धर्म से जुड़ा कोई मामला आता है, तो सर्वोच्च न्यायालय ऐसे आदेश देता है। याचिकाकर्ता को राहत नहीं देनी मत दीजिए, लेकिन उसका मजाक भी न उड़ाएं।’
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