अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती जी ने गोप्रतिष्ठा ध्वज फहराते हुए।

अरुणाचल प्रदेश में विरोध के बाद भी ईटानगर में शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती जी ने गोप्रतिष्ठा ध्वज फहराया

  • अरुणाचलप्रदेश की राजधानी ईटानगर में गोप्रतिष्ठा ध्वज फहराया शङ्कराचार्य जी महाराज ने*

26 सिंतबर. गोध्वज स्थापना भारत यात्रा* के 5वें दिन ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानन्दः सरस्वती ‘१००८’ अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के डोनीपोलो एयरपोर्ट पहुँचें।

अरुणाचल प्रदेश छात्र सङ्गठन ने विगत कई दिनों से शङ्कराचार्य जी के आगमन का तगड़ा विरोध किया। स्वामी जी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि 26 सितंबर को नियत समय पर शङ्कराचार्य जी महाराज डोनीपोलो एयरपोर्ट ईटानगर पहुँचे। ADC बालिजान श्री तकारावा ने शङ्कराचार्य जी से संवाद किया और रिक्वेस्ट की कि आप नगर में प्रवेश ना करें क्योंकि आपके प्रवेश से शहर की कानून व्यवस्था बिगड़ जाएगी।

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि शङ्कराचार्य जी महाराज ने कहा कि हम अरुणाचल प्रदेश की संस्कृति का, यहाँ के लोगों का और सबका सम्मान करते हैं, हम संवैधानिक रूप से अपने देश के किसी भी कोने में जाकर अपनी बात कह सकते हैं। आज हम यहाँ आकर अपने प्रण को दोहरा रहे हैं।

शङ्कराचार्य जी महाराज ने ADC के माध्यम से विरोध कर रहे छात्रों को संवाद के लिये आमन्त्रित किया। ADC महोदय उनके पास गए और छात्रों से बात करके पुनः शङ्कराचार्य जी महाराज को सूचित किया कि ‘हमारे समूह में अपनी बात सही से शङ्कराचार्य जी महाराज के सामने रखने वाला कोई जिम्मेदार व्यक्ति नही है।

किसी जिम्मेदार व्यक्ति की अनुपस्थिति में शङ्कराचार्य जी महाराज ने 20 मिनट का वीडियो सन्देश देकर अपनी बात अरुणाचल प्रदेश के सम्मानित नागरिकों को कहकर प्रतीकात्मक *गोप्रतिष्ठा ध्वज* फहराकर अपने गौरक्षा के प्रण को दृढता से दोहराया।

छात्र सङ्गठन सहित समस्त अरुणाचल प्रदेश के निवासियों से शङ्कराचार्य जी ने अनुरोध किया है कि आप इस विषय में संवाद करिए ताकि इस समस्या का पूर्ण समाधान हो सके।

शङ्कराचार्य जी महाराज के साथ उपस्थित रहे श्री गोपालमणि जी महाराज, स्वामी अम्बरीशानन्द सरस्वती जी महाराज, मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी , देवेन्द्र पाण्डेय जी, शैलेन्द्र योगीराज जी आदि।