मन को जितने का ज्ञान हैं।तीनों गुणों को पहचानने का ज्ञान हैं।
जीवन जीने की कला है।
व्यवहार की कला है।
संसार में रहकर संसार से दूर रहने का ज्ञान है।
अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने का सबसे बड़ा माध्यम है।
गीता वो शास्त्र ज्ञान है जिसको कृष्णमुख से सुनकर अर्जुन ने डिप्रेशन वाली निढाल अवस्था से बाहर आकर, वीर भाव उत्पन्न करके, पूरी कौरव सेना को नष्ट कर दिया। गीता में स्वयं से स्वयं के परिचय कराने का ज्ञान है। मन को जितने का ज्ञान हैं। तीनों गुणों को पहचानने का ज्ञान हैं। जीवन जीने की कला है। व्यवहार की कला है। संसार में रहकर संसार से दूर रहने का ज्ञान है। अज्ञान से ज्ञान की ओर ले जाने का सबसे बड़ा माध्यम है। गीता से स्वयं की स्मृति में लौट जाने का शास्त्र है।
आइए महत्वपूर्ण ज्ञान के यज्ञ के लिए गीता की ओर लौट चलें।
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