जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती '१००८' जी महाराज (फोटो सभारः सोशल मीडिया)

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी की गोध्वज स्थापना यात्रा को कई राज्यों में सरकार लगा रही है रोक

नई दिल्ली(न्यूज डेस्क). ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामीश्री अभिमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज सनातन धर्म के सर्वोच्च पद पर आसीन धर्म गुरु हैं। गौ माता की प्रतिष्ठा दिलाने एवं गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने एवं लोगों से संवाद करने के लिए देशव्यापी गोध्वज स्थापना यात्रा पर हैं। 36 दिन में 36 राज्यों में जाकर शंकराचार्य जी महाराज लोगों से संवाद करेंगे और गौध्वज की स्थापना करेंगे।

शंकराचार्य जी की यात्रा अयोध्या से शुरू हुई। जिसके बाद बिहार में प्रवेश की और पटना के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में गौध्वज प्रतिष्ठा ध्वज की स्थापना है। उसके बाद पूर्वोत्तर के राज्यों में यात्रा गई। शंकराचार्य जी के मीडिया प्रभारी संजय पांडेय ने सोशल मीडिया पर 28 सितंबर 2024 को एक सूचना दी की। मेघालय में शंकराचार्य जी के विशेष विमान को उतरने की अनिमुति नही मिली।

इससे पहले, गोध्वज स्थापना भारत यात्रा के क्रम में ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ जी महाराज उत्तरपूर्व की संस्कृति से समृद्ध प्रदेश नागालैंड की आर्थिक राजधानी दीमापुर के एयरपोर्ट पर अपने विशेष विमान से उतरे और गोप्रतिष्ठा ध्वज स्थापित करने निकले इसी समय चुमुकेदिमा जिले के ADC श्री पोलॉन जॉन के नेतृत्व में प्रशासन की टीम ने रोका और कहा कि आपको नागालैंड की सरकार ने गोध्वज स्थापना भारत यात्रा सभा करने के लिए निषेधात्मक आदेश पारित कर रखा है।आपके आने से प्रदेश की संवेदनशील स्थिति बिगड़ने की सम्भावना है। एतदर्थ हम आपको यहां से कहीं और जाने नहीं देंगे।

पूज्यपाद शंकराचार्य जी महाराज ने कहा कि हमने ना तो नागालैंड की संस्कृति का विरोध किया, ना नागालैंड सरकार का विरोध किया, ना यहां के नागरिकों का विरोध किया, ना ही किसी तरह के अलगाव की बात की, तो आखिर किस आधार पर हमें यहां नहीं आने दिया जा रहा है?

ये हमारे संवैधानिक अधिकार का हनन है। भारत देश में जन्मा प्रत्येक व्यक्ति सभी स्थानों पर निर्बाध प्रवेश कर सकता है। हमें अपने लोगों से मिलने से रोकना हमारे मौलिक अधिकार का हनन है। हम नागालैंड की सरकार से ये जानना चाहते हैं कि हमें किस कारण से रोका जा रहा है?

शंकराचार्य जी महाराज ने अपने संकल्प को दृढ करते हुए नागालैंड की धरती पर गोध्वज को फहराया।

ADC के अनुरोध पर मुख्यमंत्री नागालैंड श्री Neiphiu Rio जी के नाम 10 मिनट का वीडियो सन्देश दिया। गौमाता राष्ट्रमाता घोषित हो इस संकल्प को दोहराया।

इसी तरह गोध्वज_स्थापना_भारत_यात्रा के ५वें दिन अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर के डोनीपोलो एयरपोर्ट पर पहुंची। प्रशासन के अधिकारियों रोक दी। जिसके बाद सांकेतिक तौर पर एयर पोर्ट पर ही गोध्वज प्रतिष्ठा फराकर समस्त अरुणाचल प्रदेश के लोगों को शंकराचार्य जी महाराज ने दिया सन्देश।

आइए देखते हैं सोशल मीडिया पर यात्रा रोकने को लेकर लोगों में कितना है रोष

सोशल मीडिया पर संजय सिंह और देवेंद्र भट्ट नाम के यूजर ने शंकराचार्य जी के मीडिया प्रभारी संजय पांडेय के वाल पर लिखकर सवाल करते हैं कि आखिर क्यों नहीं उतरने दिया गया। जिस पर संजय पांडेय कहते हैं कि गौध्वज फहराने जा रहे थे परमधर्माधीश शंकराचार्य जी महाराज इसीलिए अनुमति नही मिली।वहां ईसाइयों को खुश करना चाहती है सरकार।

इसी तरह किरण दुबे नाम की यूजर करती हैं। कि यदि गाय को बचाने के लिए शंकराचार्य जी निकले हैं उनको वहां जगह नहीं दिया गया अपने भारत में जगह नहीं मिला तो फिर बहुत दुख की बात है और मेघालय के जो लोग शंकराचार्य जी को जाने का विरोध किए हैं वे लोग सभी गायों को शंकराचार्य जी को सौंप दें शंकराचार्य जी बचाएंगे सभी गौ भक्त बचाएंगे।

शंकराचार्य जी के सोशल मीडिया एकाउंट 1008.guru पर टॉप फैन बिश्व सनातन महासंघ की ओर से लिखा गया है कि सनातनी लोगों के धैर्य की परीक्षा न ले सरकार । अखंड भूमण्डलाचार्य भगवान शंकराचार्य तो केवल गौ रक्षा की बात कर रहें है । इस में सरकार को क्या आपत्ति है ? एक तरफ वही सरकार गौ रक्षक बनकर हम सनातनियों के बल पर सरकार चला रही है व दुसरी तरफ गौमांस का व्यापार कर रही है । ये सरकार की दोहरी नीति है ।। पूज्यपाद शंकराचार्य भगवान की जय हो जय गौमाता राष्ट्रमाता ।