PM addressing the Indian diaspora at New York, in USA on September 22, 2024.

नमस्ते U.S. ! अब अपना नमस्ते भी मल्टीनेशनल हो गया…पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिका में क्या कहा। पढ़ें।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों अमेरिका के दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने आज न्यूयॉर्क के लॉन्ग आइलैंड में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय समुदाय की एक विशाल सभा को संबोधित किया। इस कार्यक्रम में 15,000 से अधिक लोग शामिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सुनने के लिए भारी संख्या में भारतीय समुदाय के लिए जुटे थे। एक तरह से कहा जाए भारत के लिए एक ऐतिहासिक था। प्रधानमंत्री ने दिल खोल कर भारतीय समुदाय के लोगों से बातचीत की। उन्होंने एकआई का भी मतलब लोगों को समझाया। उन्होंने कहा कि आप लोगों ने हर बार पिछला रिकार्ड तोड़ा है। पढ़िये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण का अंश।


नमस्ते U.S. ! अब अपना नमस्ते भी मल्टीनेशनल हो गया है, लोकल से ग्लोबल हो गया है, और ये सब आपने किया है। अपने दिल में भारत को बसा कर रखने वाले हर भारतीय ने किया है।

आप यहां इतनी दूर-दूर से आए हैं, कुछ पुराने चेहरे हैं, कुछ नए चेहरे हैं. आपका ये प्यार, ये मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है। मुझे वो दिन याद आते हैं। जब मैं पीएम भी नहीं था, सीएम भी नहीं था, नेता भी नहीं था। उस समय एक जिज्ञासू के तौर पर यहां आप सब के बीच आया करता था। इस धरती को देखना, इसे समझना, मन में कितने ही सवाल लेकर के आता था। जब मैं किसी पद पर नहीं था। उससे पहले भी मैं अमेरिका के करीब-करीब 29 स्टेट्स में दौरा कर चुका था। उसके बाद जब मैं CM बना तो टेक्नोलॉजी के माध्यम से आपके साथ जुड़ने का सिलसिला जारी रहा। PM रहते हुए भी मैंने आपसे अपार स्नेह पाया है, अपनत्व पाया है। 2014 में मेडिसन स्क्वायर, 2015 में सैन होसे, 2019 में ह्यूस्टन, 2023 में वॉशिंगटन औऱ अब 2024 में न्यू यॉर्क, और आप लोग हर बार पिछला रिकॉर्ड तोड़ देते हैं।

मैं हमेशा से आपके सामर्थ्य को, भारतीय डायस्पोरा के सामर्थ्य को समझता रहा हूं। जब मेरे पास कोई सरकारी पद नहीं था, तब भी समझता था और आज भी समझता हूं। आप सब मेरे लिए हमेशा से भारत के सबसे मजबूत ब्रैंड एंबेसेडर रहे हैं। और इसलिए मैं आप सबको राष्ट्रदूत कहता हूं। आपने अमेरिका को भारत से, और भारत को अमेरिका से कनेक्ट किया है। आपका स्किल, आपका टैलेंट, आपका कमिटमेंट, इसका कोई मुकाबला नहीं है। आप सात समंदर पार भले आ गए हैं। लेकिन कोई समंदर इतना गहरा नहीं, जो दिल की गहराइयों में बसे हिंदुस्तान को आपसे दूर कर सके। मां भारती ने जो हमें सिखाया है, वो हम कभी भी भूल नहीं सकते। हम जहां भी जाते हैं, सबको परिवार मानकर उनसे घुल मिल जाते हैं। डायवर्सिटी को समझना, डायवर्सिटी को जीना, उसे अपने जीवन में उतारना, ये हमारे संस्कारों में है, हमारी रगों में है। हम उस देश के वासी हैं हमारे यहां सैकड़ों भाषाएं हैं, सैकड़ों बोलियां हैं। दुनिया के सारे मत हैं, पंथ हैं। फिर भी हम एक बनकर, नेक बनकर आगे बढ़ रहे हैं। यहां इस हॉल में ही देखिए, कोई तमिल बोलता है, कोई तेलुगु, कोई मलयालम, तो कोई कन्नड़ा, कोई पंजाबी, तो कोई मराठी, और तो कोई गुजराती, भाषा अनेक हैं, लेकिन भाव एक है। और वो भाव है- भारत माता की जय। वो भाव है – भारतीयता। दुनिया के साथ जुड़ने के लिए ये हमारी सबसे बड़ी strength है, सबसे बड़ी ताकत है। यही वैल्यूज़, हमें सहज रूप से ही विश्व-बंधु बनाती हैं। हमारे यहां कहा जाता है- तेन त्यक्तेन भुंजीथा:। यानि जो त्याग करते हैं, वे ही भोग पाते हैं। हम दूसरों का भला करके, त्याग करके सुख पाते हैं। और हम किसी भी देश में रहें, ये भावना नहीं बदलती है। हम जिस सोसायटी में रहते हैं, वहां ज्यादा से ज्यादा योगदान करते हैं। यहां अमेरिका में आपने डॉक्टर्स के रूप में, रिसरचर्स के रूप में, Tech (टेक) Professionals के रूप में, Scientists के रूप में या दूसरे प्रोफेशन्स में जो परचम लहराया हुआ है, वो इसी का प्रतीक है। अभी कुछ समय पहले ही तो यहां T-20 क्रिकेट वर्ल्ड कप हुआ था और USA की टीम क्या गजब खेली, और उस टीम में यहां रह रहे भारतीयों का जो योगदान था वो भी दुनिया ने देखा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क, अमेरिका में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस अवसर पर काफी संख्या में भारतीय शामिल हुए

दुनिया के लिए AI का मतलब है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस। लेकिन मैं मानता हूं कि AI का मतलब अमेरिका-इंडिया। अमेरिका-इंडिया ये स्पिरिट है और वही तो नई दुनिया का एआई पावर है। यही AI स्पिरिट, भारत-अमेरिका रिश्तों को नई ऊंचाई दे रहा है। मैं आप सभी को, इंडियन डायस्पोरा को सैल्यूट करता हूं। I Salute(सेल्यूट) you All.

मैं दुनिया में जहां भी जाता हूं, हर लीडर के मुंह से भारतीय डायस्पोरा की तारीफ ही सुनता हूं। कल ही, प्रेसिडेंट बाइडेन, मुझे डेलावेयर में अपने घर ले गए थे। उनकी आत्मीयता, उनकी गर्मजोशी, मेरे लिए दिल छू लेने वाला मोमेंट रहा। ये सम्मान 140 करोड़ भारतीयों का है, ये सम्मान आपका है, आपके पुरुषार्थ का है, ये सम्मान यहां रहने वाले लाखों भारतीयों का है। मैं प्रेसिडेंट बाइडेन का आभार करूंगा और साथ ही आपका भी आभार व्यक्त करूंगा।