गो-ध्वज स्थापना भारत यात्रा राजधानी में 16वां पड़ाव, गो-ध्वज की हुई स्थापना
रायपुर। शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती सोमवार को गो ध्वज स्थापना भारत यात्रा के 16वें पड़ाव पर राजधानी रायपुर पुहंचे। गो ध्वज स्थापना के बाद दीनदयाल सभागार में गो भक्तों को संबोधित किए। एक पत्रकार वार्ता के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि देश की जनता असली सरकार है और जनता को जागृत करने निकाला हूं। जनता यह स्पष्ट निर्णय कर लें कि जिस भी पार्टी सरकार बने, उसे शपथ ग्रहण करते ही सबसे पहले पहला कार्य गोहत्या बंद कराकर गाय को राष्ट्रमाता घोषित करना होगा। गो-भक्तों से आह्वान किया कि आपके द्वार पर जो भी नेता वोट लेने आए, उनसे यह कहें कि गोहत्या न करने की शपथ-पत्र लिखित रुप से देने पर ही वोट दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जब राज्यों में गो को लेकर कानून बनाता है तो गाय को काटने वाले दूसरे राज्यों में गाय को ले जाकर काटते हैं। इसी लिए एक देश-एक टैक्स और एक देश-एक चुनाव की बातें होती हैं, तो गाय को लेकर भी एक समान कानून होना चाहिए। इसको लेकर हम सभी राज्यों में आंदोलन कर रहे है और लोगों का अच्छा समर्थन मिल रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि गौ-माता की प्रतिष्ठा होनी चाहिए।
उन्होंने छत्तीसगढ़ में गौ-माता को लेकर कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश से बड़ी उम्मीद है यहां के गांवों में गाय दिखाई देती हैं। लोगों में गाय के प्रति बड़ी भक्ति और प्रेम है। छत्तीसगढ़ में महतारी के रूप में गाय माता को माना जाएगा। ऐसी हमें उम्मीद है।
हम अयोध्या गए थे। वहां पर हमने साढ़े तीन किलोमीटर तक परिक्रमा की है, हम दर्शन करने इस लिए नहीं जा पा रहे हैं हमारा भी मन है। उन्होंने कहा कि हमने संकल्प लिया है, हमने भगवान से कहा है गाय की रक्षा करो, इस देश में गाय मारी जा रही है, काटी जा रही है। इस देश में गाय की रक्षा हो, गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करना चाहिए ये हमारी मांग है।
गौ प्रतिष्ठा आंदोलन पर छत्तीसगढ़ को लेकर शंकराचार्य ने कहा कि यहां की गाय कौशल्या गाय है। कौशल्या नाम की गाय आज भी छत्तीसगढ़ में विराजमान है। उन्होंने छत्तीसगढ़ी में कहा कि मोला छत्तीसगढ़ सरकार पर भरोसा हे। छत्तीसगढ़ की सरकार कौशल्या मां ला राज्य माता बनाही। अब देखते है यहां के सीएम को संदेश भेजा गया है।
‘भारत में राष्ट्रपिता जैसी कोई चीज नहीं’
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राष्ट्रपिता को लेकर एक प्रश्न पर कहा कि भारत में राष्ट्रपिता जैसी कोई चीज नहीं है। भारत कब से है यह कोई नहीं जानता है। लेकिन, भारत से पाकिस्तान बना तो उसके राष्ट्रपिता मोहम्मद अली जिन्ना बने क्योंकि पाकिस्तान नया जन्मा था। भारत तो पहले से था, भारत को किसी ने नहीं जन्मा। कोई भी यहां राष्ट्रपिता के पर पद प्रतिष्ठित नहीं की जा सकती है। लोग अफवाह फैलाते हैं और कहते हैं कि मोहनदास करमचंद गांधी राष्ट्रपिता है। मोहनदास करमचंद गांधी राष्ट्रपिता नहीं हो सकते।
36 राज्यों में जाएगी गो-ध्वज स्थापना भारत यात्रा
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के सान्निध्य और गौ-गंगा कृपाकांक्षी गोपालमणि के नेतृत्व में भारत में गो प्रतिष्ठा आंदोलन के तहत गो-ध्वज स्थापना भारत यात्रा 22 सितंबर से 26 अक्टूबर तक हो रही है। भारत के 36 प्रदेशों के राजधानी में जा रही है। वहां पर एक गोध्वज की स्थापना हो रही है। इसी क्रम में रायपुर में सोमवार को यात्रा आयी थी। जिसमें छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से गो भक्त शामिल हुए थे।
More Stories
परमार्थ निकेतन और महावीर सेवा सदन की उत्कृष्ट पहल ’’दिव्यांगता मुक्त भारत’’
मनुष्यों एवं देवताओं के मध्य सामंजस्य स्थापित करने का पर्व है देव दीपावली: ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य
शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जी का आभार, ‘रामा गाय’ गौ माता – राष्ट्र माता की प्रतिक्षा थीः राजेंद्र तंबोली