स्वामी राघवाचार्य जी महाराज का अभनपुर स्थित विंध्यवासिनी धाम में हुआ अभिनंदन

मीडियावाणी ब्यूरो, रायपुर। अयोध्या के प्रतिष्ठित श्रीरामलला सदन, देवस्थान ट्रस्ट रामकोट के अध्यक्ष, परम पूज्य स्वामी राघवाचार्य जी महाराज का रविवार 20 अक्टूबर को अभनपुर स्थित विंध्यवासिनी धाम आश्रम में भव्य अभिनंदन किया गया। इस विशेष आयोजन का नेतृत्व स्वामी राघवाचार्य जी महाराज के शिष्य, जगद्गुरु स्वामी रवीश्वराचार्य ने किया, जो कोशलराज पीठ के महंत भी हैं। कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रद्धालु और संत-समाज उपस्थित रहे, जिन्होंने स्वामी राघवाचार्य जी का आशीर्वाद प्राप्त किया और इस पावन क्षण का हिस्सा बने।

सुबह 9 बजे जैसे ही स्वामी राघवाचार्य जी महाराज विंध्यवासिनी धाम आश्रम पहुंचे, उन्हें श्रद्धालुओं द्वारा पुष्प वर्षा के साथ भव्य स्वागत किया गया। विंध्यवासिनी धाम के संतों और प्रमुख भक्तों ने उन्हें माला पहनाई और उनकी अगवानी की। इस अवसर पर आश्रम में भजन-कीर्तन का आयोजन किया गया, जिससे माहौल भक्तिमय हो उठा।

स्वामी राघवाचार्य जी महाराज ने सबसे पहले आश्रम की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और संतोष व्यक्त किया। उन्होंने आश्रम के संतों और सेवकों से मुलाकात की और आश्रम की दिनचर्या और गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की। महाराज ने कहा कि विंध्यवासिनी धाम का यह आश्रम न केवल आध्यात्मिक साधना का केंद्र है, बल्कि समाज के लिए सेवा और संस्कारों का सशक्त माध्यम भी है।

स्वामी राघवाचार्य जी महाराज ने गौशाला का दौरा किया, जो विंध्यवासिनी धाम आश्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गौशाला में गायों की देखभाल करने वाले सेवकों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि गौ सेवा से बढ़कर कोई धर्म नहीं है। महाराज ने स्वयं गायों को चारा खिलाया और उनकी सेवा की। उन्होंने श्रद्धालुओं से भी आह्वान किया कि वे गौ माता की सेवा करें और समाज में उनके प्रति जागरूकता फैलाएं।

गौशाला की सेवा के बाद स्वामी राघवाचार्य जी ने आश्रम में उपस्थित श्रद्धालुओं से भेंट की। बड़ी संख्या में उपस्थित लोगों ने महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया। महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि जीवन में धर्म, सेवा और साधना का अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। उन्होंने कहा, हम सभी को अपने जीवन में धर्म की शरण में रहना चाहिए और सत्कर्मों के माध्यम से समाज की सेवा करनी चाहिए। गौ सेवा, वृक्षारोपण और शिक्षा के प्रसार जैसे कार्य हमें भगवान की ओर ले जाते हैं।

स्वामी राघवाचार्य जी ने समाज के कल्याण के लिए सभी को एकजुट होने और धर्म के मार्ग पर चलने का आग्रह किया। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि वे अपने जीवन में सदाचार और अनुशासन को अपनाएं और समाज के लिए प्रेरणा बनें।

इस आयोजन के प्रमुख, जगद्गुरु स्वामी रवीश्वराचार्य, जिन्होंने इस भव्य कार्यक्रम की व्यवस्था की, स्वामी राघवाचार्य जी महाराज ने प्रशंसा की। महाराज ने कहा, स्वामी रवीश्वराचार्य जी न केवल एक महान संत हैं, बल्कि वे धर्म और समाज की सेवा में सदैव तत्पर रहते हैं। उनके द्वारा स्थापित यह आश्रम समाज के सभी वर्गों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

स्वामी रवीश्वराचार्य ने भी इस अवसर पर कहा, यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि स्वामी राघवाचार्य जी जैसे महान संत ने हमारे आश्रम में पधारकर इसे पवित्र किया। उनका मार्गदर्शन और आशीर्वाद हमें हमारे धार्मिक और सामाजिक कार्यों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा।

आश्रम के सेवकों और संतों ने जानकारी दी कि आगे भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन होता रहेगा। आश्रम के सेवा कार्यों में विस्तार किया जाएगा और समाज के कमजोर वर्गों की मदद के लिए विशेष योजनाएं चलाई जाएंगी। आश्रम में धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से समाज को जागरूक और एकजुट किया जाएगा।

इस प्रकार, स्वामी राघवाचार्य जी महाराज का अभनपुर में भव्य अभिनंदन न केवल एक धार्मिक कार्यक्रम था, बल्कि यह समाज के कल्याण और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा का भी संदेश था।