मीडियावाणी ब्यूरो, रायपुर। गऊ प्रेमी एवं देश के एकलौते ए2 दूघ का परीक्षण करने वाली संस्था के प्रमुख राजेंद्र तंबोली ने गौ माता-राष्ट्र माता अभियान को लेकर एक भेंटवार्ता में कहा कि मैं अपने को सौभाग्यशाली मान रहा हूं कि देश के इस पावन एवं पवित्र गौ माता-राष्ट्र माता अभियान में जुड़ने एवं अपनी ओर से आहुति देने का अवसर प्राप्त हुआ है। ” रामा गाय ” गौ माता – राष्ट्र माता अभियान की प्रतिक्षा थी।
स्वामिश्री शंकराचार्य जी महाराज का पिछले दिनों रायपुर में आगमन हुआ था। गऊ भक्तों एवं प्रदेश की जनता को संबोधित करते हुए गौ माता-राष्ट्र माता का संकल्प दिलाया। उसके बाद नतीजा यह निकला है कि अब सब के हृदय में गऊ माता के प्रति ऐसी श्रद्धा जगी है कि हर जगह टोली बनाकर गऊ माता की प्रतिष्ठा के लिए जनजागरण की शुरूआत हो गई है।
राजेंद्र तंबोली ने कहा कि गोध्वज स्थापना भारत यात्रा जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में चल रहा है । पूज्य गुरुदेव ने अपने रायपुर प्रवास के दौरान यह बताया कि अब भारतीय नस्ल की सभी देसी गाय को रामा गाय के नाम से जाना और माना जाएगा। ऐसा नामकरण गुरुदेव ने कर दिया है।
जैसे कि पूर्व में विदित है कि विदेशी गाय को जर्सी गाय के नाम से जाना जाता है , परंतु उनमें भी कई ब्रीड है. जिसके उपनाम हमें पता नहीं होता है. इसीलिए गुरुदेव ने देसी गाय को रामा गाय का नाम दिया है l अब हमें भारतीय नल की देसी गाय जैसे गिर ,साहीवाल, थारपारकर ,रेड सिंधी,कांकरेज, गंगातीरी, कोसल्या इत्यादि को अब रामा गिर, रामा साहीवाल, रामा थारपारकर इत्यादि नाम संबोधन करना और लिखना चाहिए । जगतगुरु शंकराचार्य स्वामिश्री अविमुक्तेश्वरानंद की जय हो। श्री गोपालमणि महाराज की जय हो।
श्री तंबोली ने बताया कि स्वामिश्री के नेतृत्व में अभियान का एक सुखद अनुभव यह हुआ कि देश के जाने-माने साहित्यकार श्री गिरीश पंकज सहित कई लोगों के बीच गौ माता-राष्ट्र माता अभियान की चर्चा हुई। परिणाम स्वरूप आज गिरीश पंकज जी ने स्वामिश्री शंकराचार्य जी एवं अभियान को केंद्र में रखकर एक राष्ट्रव्यापी आलेख लिखा है। उन्होंने आलेख लिखकर विषय को न सिर्फ आगे बढ़ाया है बल्कि देश की जनता की जनता के सामने बड़ा प्रश्न छोड़ा है।
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